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Not known Factual Statements About mahavidya baglamukhi

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ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवान्छितं साधय साधय ह्रीं स्वाहा । आश्वीजस्य सितेपक्षे महाष्टम्यां दिवानिशं । यस् त्विदं पठते प्रेम्णा बगळा प्रीतिमेतिहि ।। यह देवी मुख्यतः स्तम्भन कार्य से सम्बंधित हैं फिर वह शत्रु रूपी मनुष्य, घोर प्राकृतिक आपदा, अग्नि या https://vashikaran55207.free-blogz.com/79725364/the-definitive-guide-to-mahavidya-baglamukhi

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